☛ | डॉ राजेन्द्र प्रसाद |
☛ | भारत के प्रथम राष्ट्रपति |
☛ | राष्ट्रपति का कार्यकाल:-26-जनवरी-1950 से 13-मई-1962 |
☛ | जन्म की तारीख:- 03-दिसंबर-1884 |
☛ | मृत्यु की तारीख:-28-फ़रवरी-1963 |
☛ | जन्म का स्थान :-जीरादेई सिवान (बिहार) जिरादई नाम उनकी बहन के नाम पर रखा गया था। |
☛ | पिता का नाम :– श्री महादेव सहाय |
☛ | माता का नाम-कमलेश्वरी देवी |
☛ | पत्नी का नाम:-राजवंशी देवी |
☛ | बच्चे का नाम:-मृत्यृंजय प्रसाद |
☛ | बड़े भाई का नाम:-महेंद्र बाबू |
☛ | बहन का नाम:-भगवती देवी |
☛ | मृत्यु का स्थान:-पटना (बिहार) |
☛ | डॉ राजेन्द्र प्रसाद के पूर्वज मूलरूप से कुआँगाँव, अमोढ़ा (उत्तर प्रदेश) के निवासी थे। |
☛ | प्रारंभिक शिक्षा छपरा के जिला स्कूल में आठवीं तक शिक्षा ग्रहण की। |
☛ | डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने 1902 में प्रेसीडेंसी कॉलेज में दाखिला लिया। |
☛ | डॉ राजेन्द्र प्रसाद यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता से 1907 में एम.ए.इकोनॉमिक्स में किया। |
☛ | डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने कलकत्ता विश्वविद्यालय 1915 में विधि विभाग से मास्टर इन लॉ। |
☛ | डॉ राजेन्द्र प्रसाद को हर महीने 30 रूपए की स्कॉलरशिप मिलने लगी। |
☛ | डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने वर्ष 1916 में उन्होंने पटना उच्च न्यायालय में अपना कानूनी कॅरियर शुरू किया। |
☛ | डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने वर्ष 1937 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी की। |
☛ | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष-1934, 1939 और 1947 |
☛ | महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता के लिए असहयोग आंदोलन की शुरुआत की। |
☛ | डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने 1920 में अपनी वकालत छोड़ दी। |
☛ | अंग्रेजी में सर्चलाइट के लिए लिखा , हिंदी साप्ताहिक देश ("कंट्री") की स्थापना और संपादन किया। |
☛ | हिंदी को राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए अपना आजीवन अभियान शुरू किया। |
☛ | राजेन्द्र प्रसाद गाँधी जी मुख्य शिष्यों में से एक थे। |
☛ | नमक तोड़ो आन्दोलन व भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान इन्हें जेल यातनाएं भी सहनी पड़ी। |
☛ | अंतरिम सरकार में खाद्य और कृषि मंत्री (1946 में जब अन्तरिम सरकार) |
☛ | भारतीय संविधान सभा की अध्यक्षता-1946 से 1949 |
☛ | भारत रत्न-1962 |
☛ | डॉ.राजेंद्र प्रसाद भारतीय संविधान समिति के अध्यक्ष चुने गए । |
☛ | डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने संविधान पर हस्ताक्षर करके ही इसे मान्यता दी। |
☛ | भाषा:-सरल, सुबोध, व्यवहारिक और स्वाभाविक |
☛ | शैली:-साहित्यिक, भावात्मक, आत्मकथात्मक , भाषण और विवेचनात्मक |
☛ | डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने पटना लॉ बीकली' समाचार पत्र का सम्पादन भी किया। |
☛ | रचनाएँ-संस्कृति, आत्मकथा, भारतीय शिक्षा, साहित्य और गाँधीजी की देन आदि। |
☛ | डॉ.राजेंद्र प्रसाद जी की याद में बिहार की राजधानी पटना में राजेंद्र स्मृति संग्रहालय का निर्माण कराया गया। |
☛ | डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने वर्ष 1926 में वे बिहार प्रदेशीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति थे। |
☛ | डॉ.राजेंद्र प्रसाद ने वर्ष तथा वर्ष 1927 में उत्तर प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभापति थे। |