क्र . | नाम | नारे |
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1 | अबुल कलाम आजाद | मुसलमान मूर्ख थे, जो उन्होंने सुरक्षा की मांग की और हिंदू उनसे भी मूर्ख थे,जो उन्होंने उस मांग को ठुकरा दिया |
2 | चंद्र शेखर आजाद | दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे |
3 | जयप्रकाश नारायण | संपूर्ण क्रांति |
4 | जवाहर लाल नेहरू | पूर्ण स्वराज |
5 | जवाहर लाल नेहरू | आराम हराम है |
6 | जवाहरलाल नेहरू | हु लिव्स इफ इंडिया डाइज |
7 | दयानंद सरस्वती | वेदों की और लौटो” |
8 | पी.वी. नरसिंह राव | देश बचाओ, देश बनाओ |
9 | बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय | वंदे मातरम |
10 | बालगंगाधर तिलक | स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है |
11 | बिनोवा भावे | जय जगत |
12 | भारतेन्दु हरिश्चंद्र | हिन्दी, हिन्दू, हिन्दोस्तान |
13 | मंगल पांडे | मारो फ़िरंगी को |
14 | मदन मोहन मालवीय | सत्यमेव जयते |
15 | मदनलाल ढिंग्रा | देश की पूजा है राम की पूजा है |
16 | महात्मा गांधी | करो या मरो |
17 | महात्मा गांधी | अंग्रेजो भारत छोड़ो |
18 | महात्मा गांधी | हे राम |
19 | महात्मा गांधी | भारत माता की जय |
20 | महात्मा गांधी | यह एक ऐसा चेक था, जो बैंक से पहले ही नष्ट हो जाने वाला था |
21 | मुरली मनोहर जोशी | कश्मीर चलो |
22 | मुहम्मद इकबाल | सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा |
23 | मो. इक़बाल | इनक़लाब जिंदाबाद |
24 | मो. इक़बाल | सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तान हमारा |
25 | रवीन्द्रनाथ टैगोर | जन-गण-मन अधिनायक जय हे |
26 | राम प्रसाद बिस्मिल | सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-कातिल में है |
27 | लार्ड एल्गिन | भारतवर्ष को तलवार के बल पर जीत गया था और तलवार के बल पर ही उसने ब्रिटानी कब्जे में रखा जाएगा |
28 | लाल बहादुर शास्त्री | जय जवान जय किसान |
29 | लाला लाजपत राय | मेरे शरीर पर एक-एक पड़ी लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के कफ़न में कील सिद्ध होगी |
30 | लाला लाजपत राय | साइमन कमीशन वापस जाओ |
31 | शहीद भगत सिंह | इंकलाब जिंदाबाद |
32 | श्यामलाल गुप्ता | विजयी विश्व तिरंगा प्यारा |
33 | श्रीमती इंदिरा गाँधी | श्रमेव जयते |
34 | संजय गांधी | काम अधिक बाते कम |
35 | सरदार वल्लभ भाई पटेल | कर मत दो |
36 | सी. आर. दास | समूचा भारत एक विशाल बंदीगृह है |
37 | सुभाषचंद्र बोस | जय हिंद |
38 | सुभाषचंद्र बोस | तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा |
39 | सुभाषचंद्र बोस | दिल्ली चलो |