☞ अह की भावना रखना एक अक्षमय अपराध है-अज्ञात |
☞ कामना का त्याग ही उत्तम तप है-श्रीमद् भागवत |
☞ शुद्ध न्याय में शुद्ध दया होनी चाहिए न्याय का विरोध करने वाली दया नहीं बल्कि क्रुरता है-महात्मा गॉधी |
☞ दया और सत्यता परस्पर मिलते है-बाइबिल |
☞ धर्म और शक्ति एक दूसरे का साथ देते है-बाइबिल |
☞ जो सच्चा दयालु है वही सच्चा बुद्धिमान है-अज्ञात |
☞ दरिद्रता प्रकट करना दरिद्र होने से अधिक दुखदायी होता है-प्रेमचन्द्र |
☞ सम्पति के अभाव का उपचार आसान है परतु आत्मा की दरिद्रता का नही-मोन्टेन |
☞ वह व्यक्ति गरीब होता है जो अधिक की इच्छा रखता हैसिनेका |
☞ गरीबी दुर्गध नहीं असुविधा है-जॉन फ्लोरियो |
☞ यधपि में निर्धन,घुणित और उपेक्षित हॅू तथापि परमात्मा हे मेरे परमात्मा तुम मुझको मत भुला देना-विलियम काउपर |
☞ एके साधे सब सधे सब साधे सब जाये। रहिमन मूल ही सींचे फूले फले अघाय।।- रहीमदास |