Jet Stream Type,‌‌‌‌‌‌‌‌‌जेट स्ट्रीम के प्रकार,GK Questions Answer, General Knowledge-atmword.com

Jet Stream Type
‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌जेट स्ट्रीम के प्रकार

अवस्थिति के आधार पर जेट स्ट्रीम के चार प्रकार के है-
☛ ध्रवीय वाताग्र जेट स्ट्रीम का निर्माण धरातलीय ध्रवीय शीत वायुराशियों एवं उष्ण कटिबन्धीय गर्म वायुराशियों के सम्मिलन क्षेत्र 40℃-60℃ अक्षांश के ऊपर होता है। दो विपरीत वायु राशियों के कारण ताप प्रवणता अधिक होती ‌‌‌है। ये पश्चिम से पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है परन्तु ये अधिक अनियमित होती है।
☛ उपोष्ण कटिबन्धीय पछुवा जेट स्ट्रीम की स्थिति धरातलीय उपोष्ण कटिबन्धीय उच्च वायु दाब की पेटी के उत्तर में हेडिली कोशिका की ध्रवीय सीमा के पास ऊपरी क्षोभमंडल में होती है अर्थात् 30℃- 35℃ अक्षांशों के ऊपर। इसका प्रवाह पश्चिम से पूर्व दिशा में होता है तथा ध्रवीय वाताग्र जेट स्ट्रीम की तुलना में यह अधिक नियमित होती है।
☛ ‌‌‌उष्ण कटिबंधीय पूर्वी जेट स्ट्रीम का आविर्भाव धरातलीय पूर्वी व्यापारिक हवाओं के ऊपर क्षोभमंडल में भारत एवं अफ्रीका के ऊपर ग्रीष्मकाल कें होता है।इसका सबंध तिब्बत के पठार के ऊष्मन से होता है तथा भारतीय मानसून में इसका पर्याप्त महत्व है।
☛ ‌‌‌ध्रवीय राशि जेट स्ट्रीम को समताप मंडलीय उपध्रवीय जेट स्ट्रीम भी कहते हैं। इसका निर्माण सागर तल से 30 किमी की ऊॅचाई पर समतापमडंल में शीत ध्रुव के ऊपर तीव्र ताप प्रवणता के कारण शीत काल में होता है इस समय प्रबल पछुवा जेट स्ट्रीम का संचरण होता है परन्तु ग्रीष्म काल में इसका वेग कम हो जाता है तथा दिशा पूर्व की ओर हो जाती है।