☛ चालुक्य वंश के सम्राट परमेश्वर महाराजाधिराज,परमभट्टारक सत्याश्रय,श्रीपृथ्वीबल्लभ, श्रीबल्लभ जैसी उपाधियॉ धारण करते थे। |
☛ प्रशासनतन्त्र का केन्द्र बिन्दु सम्राट होता था। |
☛ ग्राम शासन की सबसे छोटी इकाई थी। |
☛ ग्राम अधिकारियों को प्राय: गामुंड कहा जाता था। |
☛ हृोनसांग चालुक्य राज्य के लोगो का विधा का व्यसनी बताता है। |
☛ चालुक्य लेखों में संस्कृत भाषा का प्रयोग हुआ है। |
☛ चालुक्य शासक ब्राहृाण धर्मनुयायी थे। उनके कुल देवता विष्णु थे। इसके अतिरिक्त वे लोग षिव की भी पुजा करते थे। |
☛ चालुक्य शासको ने धार्मिक सहिश्णुता की नीति अपनायी थी। उन्होने दक्षिणापथ में जैन तथा बैद्व धर्मों का विकास को प्रोत्साहन दिया। |
☛ रविकीर्ति (ऐलोह अभिलेख की रचियता) जैन था जिसे पुलकेशिन द्धितीय का संरक्षण प्राप्त था,उसने जिनेन्द्र मंदिर बनवाया था जिसे मेगुती मंदिर कहा जाता है। |
☛ हृोनसांग पुलके शिन द्धितीय के समय महाराष्ट्र गया था। |