Late Western Chalukyas of Kalyani,‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌कल्याणी के उत्तरकालीन पष्चिमी चालुक्य,GK Questions Answer, General Knowledge-atmword.com

‌‌‌Late Western Chalukyas of Kalyani
‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌कल्याणी के उत्तरकालीन पष्चिमी चालुक्य

* इस वंश का उदय राष्ट्रकुटों के पतन के पश्चात हुआ।
* चालुक्य कन्नड़ देश के मूल निवासी थे।
* इस वंश का पहला महत्वपूर्ण शासक तैल अथवा तैलप द्धितीय था।
* 973 -74 ई. में चालुक्य तैल द्धितीय ने राष्ट्रकुटों को अपदस्थ करके एक नवीन चालुक्य वंश की स्थापना की।
* इस वंश की राजधानी मान्येश्वेत थी।
* कल्याणी के चालुक्य वंश कि सस्ंथापक तैल द्धितीय के पूर्वज राष्ट्रकुटों के सामंत थे।
* तैल द्धितीय ने अष्वमल्ल तथा भुशनैकमल्ल जैसी उपाधियॉ धारण की।
* तैल द्धितीय की मृत्यु के बाद उसका पुत्र सत्याश्रय शासक बना।
* सत्याश्रय के बाद उसका भतीजा विक्रामादित्य पंचम शासक बना।
* 1015 ई. में जयसिंह द्धितीय शासक बना।
* जयसिंह द्धितीय ने जगदेकमल्ल की उपाधि भी धारण की थी।
* जयसिंह द्धितीय ने बीस वर्शो तक शासक सन किया।
* जयसिंह द्धितीय के बाद उसका पुत्र सोमेश्वर प्रथम शासक बना।
* सोमेश्वर प्रथम ने अपनी राजधानी मान्यखेत से कल्याणी स्थांनातरित कर दी।
* विल्हण के अनुसार सोमेश्वर ने अपनी स्वेच्छा से तुगभद्रा नदी में डूबकर आत्माहत्या कर ली थी।
* सोमेश्वर प्रथम की मृत्यु के बाद उसके दो पुत्रो सोमेश्वर द्धितीय तथा विक्रमादित्य में सघर्ष आरभं हो गया।
* विक्रामादित्य ने सोमेश्वर को बंदी बनाकर 1076 ई. में स्वय को सम्राट घोषित कर लिया।
* विक्रामादित्य चतुर्थ को भी अपने छोटे भाई जयसिंह के विद्रोह का सामना करना पड़ा।
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* विक्रामादित्य का समकालीन होयसल शासक विजयादित्य था।
* बल्लाल प्रथम तथा विश्णुवर्धन भी विक्रमादित्य का समकालीन था।
* विक्रमादित्य ने विक्रमपुर नामक नया शहर को बसाया तथा विष्णु मंदिर निर्मित करवाया।
* विक्रमादित्य चतुर्थ के दरबार में विक्रमांकदेवचरित के लेखक विल्हण तथा मिताक्षर के लेखक विज्ञानेश्वर रहते थे।
* विज्ञानेश्वर विक्रमादित्य के मंत्री थें।
* विक्रमादित्य चतुर्थ के मृत्यु के बाद उसका सोमेश्वर तृतीय उत्तराधिकारी हुआ।
* सोमेश्वर ने मानसोल्लास नामक शिल्पशास्त्र के लिए प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की।
* सोमेश्वर तृतीय के बाद जगदेकमल्ल शासक बना।(1138 से 1151)
* जगदेकमल्ल की मृत्यु के बाद तैल तृतीय शासक बना।
* आंतरिक अव्यवस्था का लाभ उठाकर 1156 ई. मे कल्याणी पर चालुक्यों के सामंत शासक कलचुरि वंशीय विज्जल ने अधिकार कर लिया।
* तैल तृतीय के शासन काल में चालुक्य साम्राज्य पूर्णत: विधटित हो गया।
* पच्चीस वर्षो तक चालुक्य प्रदेशों पर कलचुरियों का अधिकार रहा।
* तैल तृतीय के पुत्र सोमेश्वर चतुर्थ ने 1184 ई. मे कलचुरियों को अपदस्थ करके चालुक्य वंश की पुन: स्थापना की।
इस वंश का अंतिम शासक तैल तृतीय का पुत्र सोमेश्वर चतुर्थ था।

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