Vakataka Vansh,‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌वाकटक वंश,GK Questions Answer, General Knowledge-atmword.com

‌Vakataka Vansh
‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌वाकटक वंश

★  वाकटक वंश का संस्थापक विध्य शक्ति था। इसको शिलालेखों मे वाकाटक वंशकेतु कहा गया है।
★  वाकाटक विष्णु बुद्धि गोत्र का ब्राह्मण था।
★  विध्यशक्ति का तुलना इन्द्र एवं विष्णु से की जाती थी।
★  वाकाटक का मूल निवास स्थान बरार (विदर्य) में था।
★  विध्यशक्ति का पुत्र एवं उत्तराधिकारी हरितिपुत्र प्रवरसेन ही एक मात्र वाकाटक वंश का राजा था जिसे सम्राट की पदवी मिली थी।
★  प्रवरसेन का राज्य उसकी मृत्यु के बाद उसके पुत्रो
★  गौतमीपुत्र का राज्य केन्द्र नदिवर्घन (नागपुर)
★  सर्वसेन का केन्द्र बरार में था।
★  गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्धितीय ने अपनी पुत्री प्रभावती का विवाह वाकाटक नरेश रूद्रसेन द्धितीय से किया।
★  रूदसेन द्धितीय पृथ्वीसेन प्रथम का पुत्र एवं उत्तराघिकारी था।
Bhakti and Sufi Movement
Bharat Ke Parmukh Aitihasik Yuddh Chalukya Dynasty
★  प्रभावती के पुत्र दामोदर सेन ने प्रवरसेन की उपाधि धारण की इसने प्रवरपुर नगर की स्थापना की।
★  प्रवरसेन द्धितीय की रूचि साहित्य में थी सेतुवध नामक ग्रथ की रचना की।
★  प्रवरसेन द्धितीय का पुत्र नरेन्द्रसेन उसका उत्तराधिकारी बना।
★  पृथ्वीसेन ने पद्मपुर को अपनी राजधानी बनाई (प्रो मीराशी के अनुसार) वाकाटकों की इस शाखा की अस्तित्व 480 ई. तक रहा।
★  वाकाटको की वत्स-गुल्मा या अमुख्य शाखा का सस्थांपक प्रवरसेन प्रथम का पुत्र सर्वसेन था।
★  प्रवरसेन ने वत्सगुल्मा को अपनी राजधानी बनाकर धर्ममहाराज की उपाधि धारण की।
★  प्रवरसेन ने प्राकृत ग्रथ हरिविजय एवं गाथासप्तशती के कुछ अशों का लेख माना जाता है।
★  सर्वसेन के उत्ताधिकारी विध्यसेन द्धितीय ने विध्यशक्ति द्धितीय एवं धर्म महाराज की उपाधि धारण की।
★  हरिषेण के मृत्यु के बाद वाकाटक वंश का इतिहास अधंकार में है।
★  सम्भवत: कलचुरी वंश के द्वारा वाकाटक वंश का अन्त किया गया।
★  वाकाटक वंश अधिकाश शासक शैवघर्म के अनुयायी थे हालाकि रूद्रसेन द्धितीय विष्णु की पुजा करता था।
★  प्रवरसेन द्धितीय ने महाराष्ट्रीय लिपि में सेतुबन्ध ग्रथ जिसे रावणवहों भी कहा जाता था की रचना की।
★  टिगोवा मंदिर में गंगा युमना की मूतियॉ स्थापित है।
★  अजन्ता की बिहार गुफा सख्या 16,17 एवं चैत्य गुफा सख्या 19 का निर्माण वाकाटकों के समय में हुआ।
★  गुफा 16 का निर्माण हरिषेण के योग्य मंत्री बराह देव ने करवाया।
★  फर्गुसन महोदय ने गुफा सख्ंया 19 को भारत के बौद्ध कला का सर्वश्रेष्ट उदाहरण बताया है।
★  आचारण में पृथ्वीसेन प्रथम की तुलना युधिष्ठिर से की है।
★  वाकाटक वंश की वासीम शाखा की स्थापना प्रवरसेन प्रथम के छोटे पुत्र सर्वसेन ने की।
★  हरिशेंण (475-510 ई.) वासीम शाखा का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा हुआ।
★  सर्वसेन ने हरविजय नामक प्राकृत काव्य ग्रथ लिखा।
★  पृथ्वीसेन द्धितीय के सामन्त व्याध्रदेव ने नचना के मदिर का निर्माण करवाया था।

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