☞ | इलाहाबाद में विद्रोह का नेतृत्व लियाकत अली ने की । |
---|---|
☞ | ग्वालियर में विद्रोह का नेतृत्व तात्यां टोपे ने की। |
☞ | हरियाणा में विद्रोह का नेतृत्व राव तुलाराम ने की। |
☞ | सम्बलपुर में विद्रोह का नेतृत्व सुरेन्द्र साई ने की। |
☞ | सन्यासी विद्रोह 1760-1800 ई. में बिहार,उत्तर बगांल में केना सरकार, दिर्जिनारायण के नेतृत्व में हुआ। |
☞ | चोपड़ विद्रोह 1798 में दुर्जन के नेतृत्व में बाकुड़ा बगांल में हुआ था। |
☞ | पालिगार विद्रोह का 1799-1801 वीर.पी. काट्टावाम्मान नेतृत्व में तमिलनाडु। |
☞ | धाम्पी विद्रोह 1808-09 ई. मेलु धम्पी के नेतृत्व में ट्रावनकोर। |
☞ | लायेक विद्रोह 1816 ई. में दुर्जन सिंह के नेतृत्व मे मेदिनीपुर बगांल। |
☞ | सथांल विद्रोह 1855-56 ई. सिधु कानू के नेतृत्व मे बगांल-बिहार । |
☞ | भील विद्रोह 1817-19 ई. में सेवाराम के नेतृत्व में पश्चिमी घाट में। |
☞ | पागंलपथी विद्रोह 1825-27 में टीपू (गारो) के नेतृत्व में असम मे। |
☞ | पाइक अभ्युदय 1817ष-25 ई. में बक्शी जगवधु ने नेतृत्व मे उडि़सा में। |
☞ | अहोम विद्रोह 1828 ई. में गोमधर कुवंर के नेतृत्व में असम मे। |
☞ | बहावी आन्दोलन 1831 में सैयद अहमद,तूती मीर उत्तर प्रदेश, बिहार,बगांल। |
☞ | कोल आन्दोलन 1831-32 ई. गोमधर कृवंर के नेतृत्व में छोटा नागपुर में । |
☞ | खासी विद्रोह 1833 ई. में तिरुत सिंह के नेतृत्व में असम में। |
☞ | फरायजी आन्दोलन 1838-48 ई. में रीयातुल्ला,दूदू मिया के नेतृत्व बगाल में। |
☞ | नील विद्रोह 1855-56 ई. में तिरुत सिंह के नेतृत्व में बगांल, बिहार में। |
☞ | 20 अगस्त 1828 में कलकत्ता में ब्रहृा समाज की स्थापना राजा मोहन राय ने की। |
☞ | राजा मोहन राय को भारतीय पुनर्जारण का महीसा माना जाता था। |
☞ | राजा राम मोहन राय के उपदेशो का सार सर्व धर्म समभाव था। |
☞ | राजा राम मोहन राय ने बगांली पत्रिका सवांद कौमुदी का प्रकाशन कार्य किया। |
☞ | देवेन्द्रनाथ टैगोर (1818-1905) ने बा समाज को आगे बढाया और तीर्थयात्रा,मूतिपूजा,कर्मकाण्ड आदि का आलोचना की। |
☞ | केशवचन्द्र सेन को बासमाज का आचार्य नियुक्त किया गया। |