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National Freedom Fight
‌‌‌‌‌‌राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन

हम या तो भारत को आजाद करेगें अथवा इस प्रयास में हम अपनी जान दे देगे यह नारा महात्मा गॉधी ने ​ दिया।
कलकत्ता अधिवेशन में असहयोग प्रस्ताव का विरोध सी.आर.दास ने किया था।
अक्टूबर 1943 में सुभाष चन्द्र बोस ने आरजी हुकूमत-ए- हिन्द की स्थापना सिगापुर में की थी।
महात्मा गॉधी ने कहा था मेरे बधुओ यह मत भूलो कि निचले वर्ग के लोग गरीब,अशिक्षित,मोची,सफाई करने वाले तुम्हारा ही हाड़ मास है, तुम्हारे बांधव है।
प्रान्ती स्वायत्तया 1935 की एक्ट के द्धारा स्थापित हुई थी।
स्वराज आम जनता के लिए होना चाहिए केवल वर्गो कि लिए नहीं के प्रसिद्ध सूत्र की घोषणा की सी.राजगोपालाचारी ने की थी।
ब्रिटिश साम्राज्य जड़ तक सड़ा तक हुआ है,प्रत्येक स्तर पर भ्रष्ट है तथा अत्याचारी है यह भारतीय स्वंतत्रता सग्राम में भाग लेने वाली एक यूरोपीयन का उदगार है यह यूरोपीयन सिस्तर निवो​दिता था।
ट्रावनकोर मे वहॉ के दीवन वेली थम्पू कम्पनी की बढती ज्यादतियों के विरुद्ध एक सशक्त विद्रोह का नेतृत्व किया था।
भारत मे क्राउन के शासन की घोषणा लॉर्ड केनिगं ने नबम्बर 1858 में इलाहाबाद के दरबार में किया था।
1857 ई. मे हुए विद्रोह को विनायक दामोदर ने प्रथम स्वतंत्रता सग्राम की सज्ञा दी।
इन्कलाब जिन्दाबाद का नारा मुहम्मद इकबाल ने ​ दिया था।
1896 ई. मे स्वामी विवेकानन्द ने रामकृष्ण की स्थापना की।
महाराष्ट्र में भारत सेवक समाज की स्थापना गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा की गई थी।
सन् 1922 ई. में अमृतलाल विट्ठलदास ने भील सेवा मडंल की स्थापना की।
अविनीन्द्र द्धारा द इण्डियन सोसायटी ऑफ ओरियन्टल अति नामक संस्था की स्थापना की।
19 वी शाताब्दी में प्रख्यात बंगला साहित्यकार बकिमचन्द्र ने वन्दे मातरम् नामक गीत की रचना की।
ब्रहृा समाज की स्थापना 20 अगस्त सन् 1828 ई. को कलकत्ता में राजा राजमोहन राय द्धारा की गई।
ब्रिटिश कम्पनी में भारतीयो को भी उच्च पद प्राप्त हो,इसके लिए राजाराममोहन राय सदैव प्रयन्नशील रहे। 1829 ई. मे सती प्रथा का बन्द कराने मे महत्वपूर्ण भूमिका सम्भाला।
20 अगस्त 1833 मे राजाराममोहन राय की मृत्यु के पश्चात् देवेन्द्रनाथ टैगोर ने ब्रहृा समाज का कार्यभार सम्भाला।
भारतीय ब्रहृा समाज की स्थापना श्री केशवचन्द्र सेन द्धारा की गई।
आदि ब्रहृा समाज की स्थापना महर्षि देवेन्द्र नाथ टैगोर द्धारा की गई थी।
राजाराममोहन राय ने कलकत्ता स्थित वेदान्त कॉलेज इंगलिश स्कूल तथा हिन्दू कॉलेज की स्थापना की थी।
आत्माराम पाण्डुरंग ने प्रार्थना समाज की 1867 ई. मे स्थापना की।
दयानंद सरस्वती ने सन् 1863 ई. मे आगरा से अपने धर्म का प्रचार शुरू किया।
दयानदं सरस्वती ने बम्बई में आर्य समाज की 10 अप्रैल 1875 स्थापना की।


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